HomeBlog🌳विकलांग राजा और चित्रकार: प्रेरणा की एक अद्भुत कहानी🌳

🌳विकलांग राजा और चित्रकार: प्रेरणा की एक अद्भुत कहानी🌳

विकलांग राजा और कला का अनोखा संबंध

कला, विकलांग राजा का एक अनोखा रूप है। यह व्यक्ति की भावनाओं, संघर्षों और सपनों को उजागर करता है। विकलांगता की स्थिति को चित्रित करना एक अनोखी दृष्टि प्रदान करता है।

विकलांग राजा

एक राजा था जिसकी केवल एक टाँग और एक आँख थी।

उस राज्य में सभी लोग खुशहाल थे क्यूंकि राजा बहुत बुद्धिमान और प्रतापी था।

एक बार राजा के विचार आया कि क्यों खुद की एक तस्वीर बनवायी जाये।

फिर क्या था, देश विदेशों से
चित्रकारों को बुलवाया गया
और एक से एक बड़े
चित्रकार राजा के दरबार
में आये।

राजा ने उन सभी से हाथ
जोड़ कर आग्रह किया कि
वो उसकी एक बहुत सुन्दर
तस्वीर बनायें जो राजमहल
में लगायी जाएगी।


सारे चित्रकार सोचने लगे कि राजा तो पहले से ही विकलांग राजा है, फिर उसकी तस्वीर को बहुत सुन्दर कैसे बनाया जा सकता है ?

ये तो संभव ही नहीं है और अगरतस्वीर सुन्दर नहीं बनी तो राजा गुस्सा होकर दंड देगा।

यही सोचकर सारे चित्रकारों ने राजा की तस्वीर बनाने से मना कर दिया।

तभी पीछे से एक चित्रकार ने अपना हाथ खड़ा किया और बोला कि मैं आपकी बहुत सुन्दर तस्वीर बनाऊँगा जो आपको जरूर पसंद आएगी।

फिर चित्रकार जल्दी से राजा की आज्ञा लेकर तस्वीर बनाने में जुट गया।

काफी देर बाद उसने एक
तस्वीर तैयार की जिसे देखकर राजा बहुत प्रसन्न हुआ और सारे चित्रकारों ने अपने दातों तले उंगली दबा ली।

उस चित्रकार ने एक ऐसी तस्वीर बनायीं जिसमें राजा एक टाँग को मोड़कर जमीन पे बैठा है और एक आँख बंद करके अपने शिकार पे निशाना लगा रहा है।

राजा ये देखकर बहुत प्रसन्न
हुआ कि उस चित्रकार ने राजा की कमजोरियों को छिपाकर कितनी चतुराई से एक सुन्दर तस्वीर बनाई है।

राजा ने उसे खूब इनाम
एवं धन दौलत दी।

तो क्यों ना हम भी;
दूसरों की कमियों को छुपाएँ,
उन्हें नजरअंदाज करें और
अच्छाइयों पर ध्यान दें।

आजकल देखा जाता है कि
लोग एक दूसरे की कमियाँ बहुत जल्दी ढूंढ लेते हैं चाहें हममें खुद में कितनी भी बुराइयाँ हों लेकिन हम हमेशा दूसरों की बुराइयों पर
ही ध्यान देते हैं कि अमुक आदमी ऐसा है, वो वैसा है।

हमें नकारात्मक परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोचना
चाहिए और हमारी सकारात्मक सोच हमारी हर समस्यों को हल करती है।

विकलांग राजा के प्रति समाज के दृष्टिकोण में बदलाव

विकलांग राजा की कला ने समाज में विकलांग राजा के प्रति सोच को बदलने में मदद की। लोग अब विकलांगता को एक कमजोरी नहीं, बल्कि एक विशेषता मानने लगे।

प्रेषक:- हेमन्त शर्मा
व्यवस्थापक:- श्री गौरी गिरधर गौशाला-श्रीधाम वृंदावन

सदस्य:-“ग्वाला गद्दी” गैर मिलावटी समाज

विकलांग राजा की कमजोरी या ताकत?
बहुत समय पहले की बात है। एक राज्य का राजा एक महान योद्धा था, लेकिन एक युद्ध में उसने अपना एक पैर और एक आँख खो दी। उसके बावजूद, वह अपने राज्य को ईमानदारी और समझदारी से चलाता था। लेकिन एक बात हमेशा उसे परेशान करती थी – उसकी शारीरिक कमजोरी।

क्या आपने कभी सोचा है कि किसी की कमजोरी को ताकत में बदलना कितना मुश्किल होता है? राजा को भी यह बात खलती थी। वह सोचता था कि उसकी विकलांगता उसकी पहचान को कमजोर कर रही है।

विकलांग राजा

चित्रकार की एंट्री
एक दिन विकलांग राजा ने आदेश दिया कि राज्य के सभी मशहूर चित्रकार उसके लिए एक ऐसा चित्र बनाएं, जिसमें वह सुंदर और प्रभावशाली लगे। कई चित्रकार आए, लेकिन राजा की विकलांगता के कारण वे उसे संतुष्ट नहीं कर पाए।

तभी एक युवा चित्रकार ने विकलांग राजा से कहा, “महाराज, मैं आपका एक ऐसा चित्र बनाऊंगा, जो आपको गर्व महसूस करवाएगा। पर मुझे इसके लिए कुछ समय चाहिए।” राजा ने उसे मौका दिया।

नजरिया बदलने की ताकत
कुछ दिनों बाद, युवा चित्रकार तैयार होकर राजा के पास आया। उसने चित्र राजा को दिखाया, और राजा इसे देखकर स्तब्ध रह गया।

चित्र में राजा को एक वीर और शक्तिशाली योद्धा के रूप में दिखाया गया था। वह एक घोड़े पर सवार था, एक पैर मुड़ा हुआ था जैसे वह आराम कर रहा हो, और उसकी एक आँख बंद थी, मानो वह निशाना साध रहा हो।

चित्र ने राजा की विकलांगता को उसकी ताकत में बदल दिया। अब वह कमजोरी नहीं रही, बल्कि उसकी अनूठी पहचान बन गई।

सोच बदलने का सबक
यह कहानी हमें बहुत कुछ सिखाती है। क्या हम अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बना सकते हैं? चित्रकार ने सिर्फ राजा की शारीरिक स्थिति नहीं समझी, बल्कि उसने उसके व्यक्तित्व की गहराई को भी देखा।

हम सभी के पास कमजोरियाँ होती हैं। सवाल यह है कि हम उन्हें कैसे देखते हैं। आपकी कमजोरी दूसरों की नजर में आपकी ताकत बन सकती है, अगर आप उन पर सही नजरिया अपनाएं।

क्या सीखें इस कहानी से?

  • कमजोरियों को स्वीकारें – हर इंसान में कमजोरियाँ होती हैं। अपनी कमजोरियों को स्वीकारें और उनसे सीखें।
  • नजरिया बदलें – चीजों को देखने का तरीका बदलने से आपकी समस्या हल हो सकती है।
  • सहयोग मांगने से न हिचकें – कभी-कभी दूसरों की मदद से आपकी जिंदगी बदल सकती है।
  • कला का महत्व समझें – कला जीवन को सकारात्मकता से भर सकती है।

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